इस दिवाली ऐसे करें माँ लक्ष्मी की पूजा, होगी धन की वर्षा। Deepawali Pujan Vidhi -

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Dipawali Pojan Vidhi

 इस दीपावली में माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आपको कुछ खास तरीके से पूजा करनी होगी और आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। दीपावली हिन्दुओ का त्यौहार है, इसको पुरे भारत में बड़े उत्साह हो धूम धाम से मनाया जाता है। 

हिन्दू कैलंडर में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में दीपावली का त्यौहार आता हे, इस दिन  पूजा करने से घर धन धान्य से परिपूर्ण हो जाता है। इस दिन ब्रत रखते है और स्याम को माँ लक्ष्मी की पूजा करते है, साथ में गणेश जी की की पूजा भी होती है। 

ब्रम्ह पुराण के अनुसार माँ लक्ष्मी कार्तिक अमावस्या को स्वयं भू लोक पर आकर हर घर में आकर आशीर्वाद देती और जहा वह अधिक प्रसन्न होती हे, और उस घर को धन से पूर्ण करती है, और कुछ छण रुक कर उसके सरे कास्ट दुःख दूर करती है। 


दीपावली ब्रत पूजन  बिधि :-

दीपावली के दिन प्रातः कालीन उठ कर साफ सफाई करके और स्नान आदि से निविर्त होकर, अपने मन में संकल्प लें, उसके बाद पुरे दिन अन्न का एक दाना भी ग्रहण न करें। 

माता लक्ष्मी की पूजा करके साफ सफाई करके, पूजा स्थान को अच्छे से साफ कीजिये,  स्याम के समय से जब सूर्य अस्त हो जाये तब ये पूजा सुरु करें। 

चौकी पर माता लक्ष्मी एवं  श्रीगणेश की मूर्तियां रखें उनका मुख पूर्व दिशा की ओर करें, उनके सामने बैठकर चावलों पर कलश की स्थापना करें, कलश पर एक नारियल लाल वस्त्र में लपेट कर रखें। और साथ में 2 बड़े दिप जलाकर एक छोटा दीपक गणेशजी के पास भी रखें।

फिर शुभ मुहूर्त के समय जल,  चावल, धूप, बत्ती, गुड़, फूल, धानी, नैवेद्य, मौली, अबीर, चंदन, गुलाल, आदि लेकर सबसे पहले पवित्रीकरण करें। फिर सभी दीपक न्यूनतम 26 दियों को जलाकर उन्हें नमस्कार करें। 

उन पर चावल छोड़ दें. पहले पुरुष और बाद में स्त्रियां गणेशजी, लक्ष्मीजी व अन्य देवी-देवताओं का विधिवत षोडशोपचार पूजन, श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त व पुरुष सूक्त का पाठ करें और आरती उतारें।

इसके साथ साथ आप घर के बही खातों की पूजा कर नए लिखने की शुरुआत करें, तेल के दीपक जलाकर घर के हर एक कोने को रोशन करें, कोई भी कोना अन्धकार मय न रहे, घर में तिजोरी, आंगन आदि जगह पर दीपक प्रज्वलित करें। 


उसके पश्चात एक चार मुख वाला दीपक लेकर निम्नलिखित मंत्रो का उच्चारण करें। –

नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया.
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥

उसके बाद घर के सभी बुजुर्ग ब्यक्तियो के तथा अपने से बड़े ब्यक्तियो के चरण स्पर्श प्रणाम करके आशीर्वाद ले और पूजा संपन्न करें। 

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