पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के फायदे के बारे मैं जानकारी देखें यह बिमारी होती है ठीक

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पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के फायदे : यह उत्पाद पतंजलि योगपीठ द्वारा बनाया गया है पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के फायदे बहुत से हैं जिनमें से कुछ आपको बता रहे हैं। पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के फायदे उठाना है तो आपको यहां दी गई जानकारी को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। हो सकता है जिसे आप ढूंढ रहे हैं वो आपको यहां मिल जाय।

पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के फायदे

यह पतंजलि अश्वगंधारिष्ट अश्वगंधा, अर्जुन, मंजिष्ठा, नागकेसर, पिप्पली, अदरक आदि के मिश्रण से तैयार किया जाता है। जो आपको बहुत फायदे देता है। यह दवा आप बिना डॉक्टर के पर्चे से ले सकते हैं लेकीन आपको सम्बन्धित एक्सपर्ट से सलाह करके यह उपयोग करना है। आमतौर पर इसका इलाज मरीज के दिमाग में नर्वस सिस्टम को ठीक करने में किया जाता है। यह शारीरिक दुर्बलता को दूर करता है, कमजोरी ,थकावट, खून की कमी,  चक्कर आना, आदि रोगों में इसके उपयोग से आराम मिलता है।

  1. खून की कमी, या हिमोग्लोबिन को ठीक करता है।
  2. पतंजलि अश्वगंधारिष्ट से एसिडिटी, पेट में भारीपन, गैस की समस्या, सीने में जलन, वजन बढ़ाने में मदद करता है।
  3. यह पतंजलि अश्वगंधारिष्ट मांसपेशियों को ताकत देता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  4. मासिक धर्म के दौरान कमर दर्द कमजोरी ज्यादा रक्त स्त्राव होना , पेट में दर्द, चिड़चिड़ापन, नींद ना आना, काम में मन न लगना, सिर दर्द, आदि समस्या में लाभ मिलता है।

पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के सेवन की विधि

आपको पतंजलि अश्वगंधारिष्ट का सेवन 2-4 चमच खाना खाने के 30 मिनट बाद पानी में घोल कर करना है । इसका सेवन लगातार 2 महीने तक करें फिर उसके बाद आपको असर दिखना शुरु हो जायेगा आपको यह ध्यान रखना है कि इसका सेवन खाली पेट न करें एक बार अपने वैध से सलाह अवस्य लें।

पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के नुकसान

अश्वगंधारिष्ट पूरी तरह से आयुर्वेदिक औषधि है और अभी तक इसके कोई भी साइड इफेक्ट देखे नहीं गए, परंतु इसका सेवन करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ेगा जैसे, अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है इस औषधि का सेवन खाली पेट ना करें.

अश्वगंधारिष्ट के परहेज

अश्वगंधारिष्ट एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जिसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, कुछ परहेज और सावधानियाँ इसके सेवन के दौरान ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती हैं। नीचे दिए गए हैं कुछ महत्वपूर्ण परहेज जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए:

1. चिकित्सक की सलाह

अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से पहले, आपको एक प्रमाणित आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। चिकित्सक आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति, रोग के लक्षण और उम्र के आधार पर सही मात्रा और उपयोग की सिफारिश करेंगे।

2. योग्यता और रोग संबंधी परहेज

यदि आप किसी विशेष रोग, गर्भावस्था, स्तनपान, या अन्य विशेषताओं में हैं, तो आपको अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। कुछ रोगों और स्थितियों में इसका सेवन अनुशंसित नहीं हो सकता है या उचित परहेज के साथ होना चाहिए।

3. दुर्गंध और स्वाद

अश्वगंधारिष्ट की एक विशेषता है कि इसका गंध और स्वाद कड़वा होता है। यदि आपको इससे अस्वीकार करने की समस्या होती है, तो आप इसे दूध या शहद के साथ मिश्रित करके पी सकते हैं।

4. मात्रा का पालन करें

अश्वगंधारिष्ट का सही मात्रा महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर, लोग इसे दिन में दो बार लेते हैं, एक बार सुबह और दूसरी बार शाम को। चिकित्सक आपकी स्थिति के आधार पर सही मात्रा निर्धारित करेंगे।

5. सावधानियाँ रखें

अश्वगंधारिष्ट का सेवन करते समय आपको सावधानी बरतनी चाहिए। इसे बच्चों, किशोरों, बुजुर्गों, और अल्कोहलिक लोगों के लिए विशेष सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।

आपको यह ध्यान देने की आवश्यकता होगी कि ये परहेज आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सक की सलाह के आधार पर बदल सकते हैं। इसलिए, सबसे अच्छे रूप से आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और उनके दिए गए निर्देशो का पालन करें। वे आपके विशेष परिस्थितियों और स्वास्थ्य के आधार पर सही मात्रा, सेवन विधि और परहेज की सलाह देंगे।

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