2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की 70 सीटों के लिए 14 फरवरी वोटिंग

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2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
फोटो साभार:- google

उत्तराखंड की 70 सीटों के लिए 14 फरवरी, 2022 को मतदान होगा, चुनाव आयोग ने शनिवार को इसकी घोषणा की। मतों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी।

 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च, 2022 को समाप्त होगा। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अंतिम मतदाता सूची भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा पहले ही जारी कर दी गई है। 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 – मतदान तिथि, कार्यक्रम और मतगणना दिवस 

भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। उत्तराखंड की कुल 70 विधानसभा सीटों पर अगली विधानसभा के लिए विधायकों के चुनाव के लिए मतदान होगा। 

2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम नीचे दिया गया है, जैसा कि ECI द्वारा अधिसूचित किया गया है। 

  • अधिसूचना जारी करना: 21 
  • जनवरी नामांकन की अंतिम तिथि: 28 जनवरी 
  • नामांकन की स्क्रूटनी: 29 जनवरी 
  • नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि : 31 जनवरी 
  • चुनाव की तारीख: 14 फरवरी 
  • परिणाम: 10 मार्च 

उत्तराखंड विधान सभा चुनाव 2017 वर्ष 2017 में हुए पिछले राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान, भारतीय जनता पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 57 पर अपनी जीत दर्ज की थी। 

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने जिन दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से एक में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 

2017 से, इस पहाड़ी राज्य में तीन अलग-अलग मुख्यमंत्री रहे हैं। 2017 में पार्टी की जीत के बाद, भाजपा ने 18 मार्च, 2017 को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुना। 

लेकिन, तीन साल बाद 9 मार्च, 2021 को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके बाद गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तीरथ उस समय लोकसभा सांसद थे और उन्हें छह महीने के भीतर राज्य विधानसभा में निर्वाचित होना था। 

चूंकि वह निर्धारित समय में निर्वाचित नहीं हो सके, इसलिए उन्हें 2 जुलाई, 2021 को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा। उन्हें खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराधिकारी बनाया। 

2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केवल 11 सीटों को बरकरार रखने में सक्षम थी, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो सीटें हासिल की थीं। 

उत्तराखंड विधान सभा चुनाव– चुनाव पूर्व गठबंधन इस साल के चुनाव में मुख्य दावेदार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पार्टियों के सदस्य एक-दूसरे पर निशाना साध रहे थे। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी भी इस बार राज्य में सक्रिय रूप से प्रचार कर रही है

पांच राज्यों में 690 सीटों पर होगा चुनाव

  • गोवा 40 सीट
  • उत्तर प्रदेश 403 सीटे
  • पंजाब 117 सीट
  • उत्तराखण्ड 70 सीट
  • मणिपुर 60 सीट

5 राज्यो में होंगे चुनाव :- 1620 पोलिंग बूथों पर महिला कर्मचारी रहेगी हर बूथ पर 1250 मतदाता वोट डाल सकेंगे उम्मीदवारों को आपराधिक जानकारी देनी जरूरी 900 ऑब्जर्वर चुनाव पर रखेंगे पैसे के दुरुपयोग पर जीरो टोरलेन्सर वोटर को उम्मीदवार का बैकग्राउंड जानने का अधिकार। 

तीन बार दर्ज केसेज की जानकारी अखबारों में देंगे उम्मीदवार. ECI सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है

आगामी चुनावों में उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन सुविधा उपलब्ध है हालांकि यह स्वैच्छिक होगी

करोना पीड़ित मरीजों को मोहिया कराए जाएंगे बैलेट पेपर पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की संख्या में कमी के कारण हमें मतदान केंद्रों को बढ़ाकर 30,330 करना होगा। 

इससे कुल मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 हो गई है: मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा है तैयारी के लिए पहले हमने स्वास्थ्य सचिव, केंद्र सरकार और हेल्थ एक्सपर्ट के साथ बातचीत की है।

चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा। गैरकानूनी पैसे-शराब पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।

महिलाओं के लिए 1620 पिंक पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे

80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का बयान – चुनाव की अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू , चुनाव आयोग ने सभी एजेंसियों को अलर्ट किया।

सभी कर्मचारी पूरी तरह वेक्सीनेटड

सभी मतदान कर्मी कोरोना वारियर माने जाएंगे सबको डबल वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज।।

सभी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी की जाएगी – चुनाव आयोग

हर राज्य की विधानसभा सीट का कार्यकाल पांच साल ही रह सकता है। समय पर चुनाव कराना लोकतांत्रिक शासन सुनिश्चित कराने के लिए जरूरी है। 

चुनाव ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी ऐसे होंगे, जो टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं। उन्हें एहतियाती अतिरिक्त खुराक भी दी जा सकेगी।

हर राज्य की विधानसभा सीट का कार्यकाल पांच साल ही रह सकता है। समय पर चुनाव कराना लोकतांत्रिक शासन सुनिश्चित कराने के लिए जरूरी है। 

चुनाव ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी ऐसे होंगे, जो टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं। उन्हें एहतियाती अतिरिक्त खुराक भी दी जा सकेगी।

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